1. मुसाफिर हूँ यारो न घर हे न ठिकाना मुझे चलते जाना हे बस चलते जाना
2.रुक जाना नहीं तू कभी हार के ,कांटो पे चलके हे मिलेंगे तुझको साये बहार के ,ओ राही ओ राही
1. मुसाफिर हूँ यारो न घर हे न ठिकाना मुझे चलते जाना हे बस चलते जाना
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